🗓️ प्रकाशन तिथि: 8 मई 2025
✍️ रिपोर्टर: Global Updates Team
🔴 ऑपरेशन सिन्दूर: क्या था इसका मकसद?
“ऑपरेशन सिन्दूर” भारतीय सेना की एक गुप्त क्रॉस-बॉर्डर स्पेशल फोर्स मिशन थी, जिसे 2 मई 2025 की रात को अंजाम दिया गया। इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में सक्रिय खालिस्तान समर्थक आतंकी नेटवर्क और ISI के सहयोगी गुटों को निशाना बनाना था।
➤ मुख्य बिंदु:
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यह ऑपरेशन भारतीय खुफिया एजेंसियों RAW और IB की संयुक्त जानकारी पर आधारित था।
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भारतीय सेना के Para SF कमांडो ने सीमा पार जाकर तीन आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया, जिसमें Babbar Khalsa International (BKI) और Khalistan Zindabad Force (KZF) जैसे समूहों के सदस्य मौजूद थे।
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यह ऑपरेशन पंजाब में हाल ही में हुई आतंकी घटनाओं के प्रतिशोधस्वरूप किया गया था।
📚 स्रोत:
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The Hindu – Indian Forces Strike in PoK, Target Khalistani Camps
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India Today – Inside Operation Sindoor: How India Took Out Key Khalistani Terror Hubs
⚠️ पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: सिख समुदाय पर बन रहा है दबाव?
ऑपरेशन सिन्दूर के तुरंत बाद, पाकिस्तान में भारत विरोधी लहर तेज़ हुई। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर #SikhAgainstIndia जैसे ट्रेंड चलाए गए और सिख समुदाय को “भारत का एजेंट” कहकर निशाना बनाया गया।
➤ सामने आईं कुछ चिंताजनक घटनाएं:
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लाहौर और पेशावर में दो गुरुद्वारों के बाहर प्रदर्शन, जिसमें “India Murdabad” और “Sikhs Are Spies” जैसे नारे लगे।
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कराची में एक सिख व्यापारी की दुकान पर हमला, जिसमें भारी तोड़फोड़ की गई।
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सिख धार्मिक आयोजनों पर नजर रखी जा रही है, और कुछ समुदायों को ISI द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
📌 इन सबका मकसद क्या है?
पाकिस्तानी प्रशासन द्वारा इन हमलों की कोई सख्त निंदा नहीं की गई है, जिससे अंदेशा है कि यह एक सुनियोजित दबाव नीति हो सकती है — भारत की सैन्य कार्रवाई का बदला लेने के लिए अपने देश की अल्पसंख्यक सिख आबादी को दबाव में लाने की रणनीति।
📚 स्रोत:
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Dawn News (Pakistan) – Minorities Under Pressure After Indian Strike
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BBC Punjabi – Fears Rise for Sikhs in Pakistan After India’s Operation Sindoor
📜 ऐतिहासिक संदर्भ: सिखों और पाकिस्तान का रिश्ता
सिख धर्म की उत्पत्ति पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में ही हुई थी — ननकाना साहिब, पंजा साहिब जैसे पवित्र स्थलों के कारण पाकिस्तान सिख समुदाय के लिए धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
लेकिन विभाजन (1947) के बाद से ही पाकिस्तान में सिख समुदाय अल्पसंख्यक के रूप में शोषित होता रहा है:
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1980 के दशक से अब तक पाकिस्तान में सिखों की जनसंख्या में 80% से ज्यादा गिरावट आई है।
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Forced Conversion, जमीन कब्ज़ा, धार्मिक भेदभाव जैसी घटनाएं लगातार दर्ज की गई हैं।
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पाकिस्तान के Khyber Pakhtunkhwa और Sindh क्षेत्रों में सिख नेताओं की हत्याएं हो चुकी हैं।
📚 स्रोत:
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Human Rights Watch – Persecution of Religious Minorities in Pakistan
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USCIRF Report 2024 – Pakistan Listed as “Country of Particular Concern”
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) ने पाकिस्तान से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है।
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अमेरिका और कनाडा, जहाँ बड़ी सिख आबादी रहती है, उन्होंने इस घटनाक्रम को “गंभीर चिंता” का विषय बताया है।
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इंटरनेशनल सिख ऑर्गनाइजेशन (ISO) ने पाकिस्तान में सिखों की सुरक्षा को लेकर अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की है।
भारत का बयान: “हम सिखों के रक्षक हैं, न कि दुश्मन”
भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि “ऑपरेशन सिन्दूर” का धर्म विशेष से कोई लेना-देना नहीं था। यह केवल आतंकवाद और उसके संरक्षकों के खिलाफ कार्रवाई थी।
विदेश मंत्रालय ने कहा:
“भारत का सिख समुदाय हमारी आन-बान-शान है। हम उनके खिलाफ नहीं, बल्कि उनके नाम पर आतंक फैलाने वालों के खिलाफ हैं।”














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