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औरंगजेब की कब्र पर बवाल और नागपूर मे भड़की हिंसा 40 लोग हिरासत मे , आखिर क्यों भड़की हिंसा

नागपुर में हालिया हिंसा ने लिया विकराल रूप , 40 लोगों को लिया गया हिरासत मे 

नागपुर में हाल ही में हुई हिंसा के दौरान पुलिस ने 47 लोगों को हिरासत में लिया है। इस घटना में कुछ पुलिसकर्मी और नागरिक घायल हुए हैं। हिंसा का कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन जांच जारी है.

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने सख्त कदम उठाए हैं। इस घटना के बाद शहर में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है

  1. नागपुर में हिंसा का प्रभाव
    • महाराष्ट्र के नागपुर में हिंसा के कारण 11 इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
    • हिंसा पिछले दिन भड़की, जिसके चलते कर्फ्यू लागू किया गया।
  2. हिंसा से प्रभावित क्षेत्र:
    • चर्चा नागपुर, औरंगाबाद (अब छत्रपति संभाजीनगर) और अहमदनगर (अब अहिल्यानगर) पर केंद्रित है।
    • शहरों के नाम बदलना महाराष्ट्र की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को दर्शाता है।
  3. औरंगजेब की कब्र – विवाद का केंद्र:
    • हिंसा का मुख्य कारण संभाजीनगर में स्थित औरंगजेब की कब्र है।
    • औरंगजेब मुगल साम्राज्य का छठा शासक था, जिसकी कब्र विरोध का केंद्र बनी।
    • औरंगजेब की कब्र महाराष्ट्र के संभाजीनगर जिले के खुल्दाबाद में स्थित है। यह कब्र बेहद साधारण है और बिना किसी गुंबद या अलंकृत संरचना के बनी हुई है2. औरंगजेब ने अपनी कब्र के खर्च को अपने हाथों से सिलाई करके अर्जित धन से वहन किया था. यह मकबरा हजरत जैनउद्दीन शिराजी की दरगाह के परिसर में स्थित है3.
  4.  हिंसा का असर:
    • दंगाइयों ने आगजनी, तोड़फोड़ और पुलिस पर हमला किया।
    • 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 33 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें तीन डीसीपी रैंक के अधिकारी शामिल हैं।
    • दंगाइयों ने 12 बाइक, कई कारें और एक जेसीबी जला दी।
  5. औरंगजेब की कब्र पर सुरक्षा कड़ी:
    • हिंसा के बाद औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई।
    • कब्र की ओर जाने वाले रास्तों पर बैरिकेडिंग लगा दी गई।
  6.  घटना का कारण – शिवाजी जयंती:
    • 17 मार्च 2025 को छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती के आयोजन के दौरान हिंसा भड़की।
    • प्रदर्शनकारियों ने औरंगजेब का पुतला जलाया, जिससे झड़पें शुरू हो गईं।

 

 

शिवाजी महाराज का परिचय

छत्रपति शिवाजी महाराज (1630-1680) भारत के महान योद्धा और मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे। उनका जन्म महाराष्ट्र के शिवनेरी किले में हुआ था। उन्होंने 1674 में रायगढ़ किले में राज्याभिषेक किया और “छत्रपति” की उपाधि प्राप्त की। शिवाजी ने मुगल साम्राज्य और अन्य शक्तियों के खिलाफ संघर्ष करते हुए एक स्वतंत्र राज्य की स्थापना की।

उनकी प्रशासनिक कुशलता और छापामार युद्धनीति (गोरिल्ला युद्ध) ने उन्हें एक महान रणनीतिकार बनाया। उन्होंने मराठी और संस्कृत को राजकाज की भाषा के रूप में प्रोत्साहित किया और हिंदू राजनीतिक परंपराओं को पुनर्जीवित किया।

शिवाजी महाराज का योगदान भारतीय इतिहास में अमूल्य है।

शिवाजी महाराज का जीवन प्रेरणादायक घटनाओं से भरा हुआ है। कुछ प्रमुख पहलुओं को मैं विस्तार से साझा करता हूँ:

  1. शिवाजी की रणनीति और छापामार युद्ध:

   शिवाजी महाराज ने छापामार युद्धनीति (गोरिल्ला युद्ध) को अपनाया। उन्होंने दुश्मनों को कमजोर करने के लिए तेज़ और अप्रत्याशित हमले किए। उनकी यह तकनीक युद्धों में क्रांति लेकर आई।

  1. प्रशासनिक कुशलता:

 उन्होंने अपने शासन में उत्कृष्ट प्रशासनिक व्यवस्था लागू की। शिवाजी ने सेना और नागरिक प्रशासन के लिए अलग-अलग व्यवस्था की। उनकी कर प्रणाली भी प्रभावी और किसानों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण थी।

  1. महिला सम्मान:

   शिवाजी महाराज महिलाओं के सम्मान के लिए प्रतिबद्ध थे। उनकी सेना में महिला सुरक्षा की सख्त पाबंदियाँ थीं, जो उस समय दुर्लभ थीं।

  1. धार्मिक सहिष्णुता:

   उन्होंने सभी धर्मों का सम्मान किया और धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा दिया। उनके दरबार में विभिन्न धर्मों के लोग उच्च पदों पर थे।

  1. किलों का महत्व:

   उन्होंने 300 से अधिक किलों पर कब्जा किया और उन्हें मजबूती से संरक्षित किया। रायगढ़ किला उनकी राजधानी और रणनीतिक केंद्र था।

7. फिल्म “छावा” का प्रभाव:

    • विक्की कौशल अभिनीत फिल्म छावा ने लोगों की भावनाओं को भड़काया।
    • फिल्म में औरंगजेब द्वारा संभाजी महाराज पर किए गए अत्याचारों को दिखाया गया, जिससे लोगों में आक्रोश पैदा हुआ।

8.  ऐतिहासिक भावनाओं का जागना:

    • फिल्म में दिखाए गए धार्मिक अत्याचारों ने दर्शकों को उद्वेलित कर दिया।
    • औरंगजेब की क्रूरता को देखकर लोग भावनात्मक रूप से भड़क उठे।

9. मीडिया कवरेज और प्रतीकात्मक विरोध:

प्रदर्शनकारियों ने औरंगजेब के प्रतीकात्मक पुतले को क्षति पहुंचाई।

प्रतीकात्मक विरोध वास्तविक हिंसा में बदल गया।

 

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