23 अप्रैल, 2025 | जम्मू-कश्मीर
लेखक: प्रदीप कुमार
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में एक बार फिर से आतंक का साया मंडराया है। बैसारन घाटी में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। अब तक मिली रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले में 27 लोगों की जान गई है, हालांकि सरकारी पुष्टि अभी आना बाकी है। सोशल मीडिया और विभिन्न मीडिया हाउसेज़ द्वारा अलग-अलग आंकड़े सामने आ रहे हैं।
हमले की भयावहता
घटना दोपहर करीब 2:45 बजे की बताई जा रही है। चश्मदीदों के मुताबिक आतंकियों ने पहले लोगों से नाम और धर्म पूछा, फिर पहचान के आधार पर उन्हें गोली मार दी। यह हमला खासतौर पर पर्यटकों को निशाना बनाकर किया गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, मारे गए लोगों में इटली और इज़राइल के नागरिक भी शामिल हैं, साथ ही गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु से आए भारतीय पर्यटक भी शिकार बने।
भावनात्मक झटका और राजनीतिक संदेश
हमले के बाद एक महिला द्वारा सुनाई गई आपबीती ने सभी को भावुक कर दिया। महिला के अनुसार, जब उसने आतंकियों से उसे भी मारने की विनती की, तो उन्होंने कहा, “जाओ और मोदी को बता देना कि हमने तुम्हें जिंदा छोड़ा है।” यह बयान इस हमले को एक सीधा राजनीतिक संदेश भी बनाता है।
पहलगाम में पहली बार आतंकी वारदात
जहां यह हमला हुआ — बैसारन घाटी — वहां पहले कभी कोई आतंकी गतिविधि रिकॉर्ड नहीं हुई थी। यह क्षेत्र श्रीनगर से करीब 89 किलोमीटर दूर है, और पहले तक एक शांत पर्यटक स्थल माना जाता था।
सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरें और वीडियो
हमले के बाद एक तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें एक महिला अपने पति की लाश के पास बैठी है और सहायता के लिए गुहार लगा रही है। कुछ वीडियो ऐसे भी सामने आए हैं जिनमें पर्यटक हमले से एक दिन पहले अपनी खुशियाँ अपने परिवार के साथ साझा कर रहे थे।
देश में बढ़ता गुस्सा
इस हमले ने पूरे देश में गहरा आक्रोश और शोक पैदा कर दिया है। यह केवल एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि एक मानवता के खिलाफ अपराध है, जिसमें निर्दोष लोगों को सिर्फ उनकी पहचान के आधार पर मार दिया गया।
📌 अतिरिक्त जानकारियाँ और विश्लेषण
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हमले की योजना और शक की सुई:
सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि यह हमला पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन द्वारा योजनाबद्ध था। शुरुआती जांच में सामने आया है कि हमलावरों ने क्षेत्र की रेकी पहले से की थी। -
बेसारन घाटी की स्थिति:
बैसारन घाटी, जो इस घटना का केंद्र बनी, एक लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशन है जिसे “मिनी स्विट्जरलैंड” भी कहा जाता है। पहले कभी इस जगह पर कोई आतंकी गतिविधि दर्ज नहीं हुई थी। -
सुरक्षा में चूक?
सवाल उठ रहे हैं कि इतनी संवेदनशील घाटी में स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों की उपस्थिति क्यों नहीं थी। घटना के समय आस-पास कोई सुरक्षा बल नहीं था। -
सरकार की प्रतिक्रिया:
केंद्र सरकार ने घटना की निंदा करते हुए हाई लेवल जांच के आदेश दिए हैं। गृहमंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। -
स्थानीय लोगों की भूमिका:
कुछ स्थानीय लोगों ने हमलावरों की गतिविधि देखी थी लेकिन डर के कारण रिपोर्ट नहीं कर सके। अब इन चश्मदीदों के बयान महत्वपूर्ण साक्ष्य बन सकते हैं। -
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ:
इटली और इज़राइल की सरकारों ने अपने नागरिकों की मौत पर शोक जताया और भारत सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। -
टूरिज्म पर असर:
कश्मीर में हाल के वर्षों में पर्यटन ने गति पकड़ी थी, लेकिन इस घटना से पर्यटन उद्योग को गहरा झटका लग सकता है। -
सोशल मीडिया पर जनता की प्रतिक्रिया:
ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर #KashmirTerrorAttack ट्रेंड कर रहा है। लोग सरकार से जवाबदेही और ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। -
मानवाधिकार और धार्मिक पहचान पर सवाल:
यह हमला सीधे तौर पर धार्मिक पहचान को लक्ष्य बनाकर किया गया, जो न सिर्फ कानून बल्कि मानवाधिकारों के भी खिलाफ है। -
आने वाले कदम:
सुरक्षा एजेंसियाँ संभावित अगले निशानों और स्लीपर सेल्स की तलाश में बड़े पैमाने पर छापेमारी कर रही हैं।














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