New Delhi 26 april 2025: हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 हिंदुओं की दर्दनाक मौत के बाद भारत में गुस्सा चरम पर है। इस हमले के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठता है – क्या अमेरिका भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई में उसका समर्थन करेगा? ट्रंप प्रशासन की ओर से आए बयानों से संकेत मिल रहे हैं कि अमेरिका भारत के साथ खड़ा है।
अमेरिका का खुला समर्थन
अमेरिका की डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस तुलसी गवार्ड (काल्पनिक नाम, वीडियो संदर्भानुसार) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक सीधा संदेश दिया है:
“हम आपके साथ एकजुटता में खड़े हैं। आप जो भी कदम उठाना चाहें, उठाइए। हम आपके साथ हैं।”
यह बयान सामान्य राजनयिक भाषा से कहीं अधिक सख्त और निर्णायक है। इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि अमेरिका भारत की उस कार्रवाई का समर्थन करेगा जिसमें हमले के जिम्मेदार लोगों को ‘hunt down’ किया जाएगा।
ऐतिहासिक बयान
अमेरिका के खुफिया प्रमुख द्वारा ऐसा सार्वजनिक समर्थन पहले कभी नहीं देखा गया। यह एक असाधारण स्थिति है, जो बताती है कि अमेरिका न सिर्फ भावनात्मक रूप से भारत के साथ है, बल्कि रणनीतिक तौर पर भी सहयोग को तैयार है।
बढ़ेगा इंटेलिजेंस सहयोग
इस बयान से संकेत मिलता है कि आने वाले समय में भारत और अमेरिका के बीच इंटेलिजेंस (खुफिया जानकारी) का आदान-प्रदान और भी गहरा होगा। अमेरिका की एजेंसियां जैसे CIA, NSA, DIA भारत की एजेंसियों – RAW, NTRO और IB – को पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दे सकती हैं।
इसमें सैटेलाइट इमेजरी, क्रॉस-बॉर्डर मूवमेंट ट्रैकिंग और इंटरसेप्टेड कॉल्स जैसी महत्वपूर्ण जानकारी शामिल हो सकती है।
पाकिस्तान की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय अलगाव
अमेरिका का यह स्पष्ट संदेश सिर्फ भारत के लिए नहीं बल्कि पाकिस्तान के लिए भी एक कड़ा संकेत है। यह दर्शाता है कि वैश्विक मंच पर पाकिस्तान की स्थिति दिन-ब-दिन कमजोर होती जा रही है। चीन जैसे सहयोगी देश भी खुलकर उसका समर्थन करने से बच सकते हैं।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के तहत अमेरिका का भारत को मिल रहा यह समर्थन न केवल एक भावनात्मक संबल है, बल्कि सामरिक रूप से भी भारत को मजबूत करता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत आगे क्या कदम उठाता है और वैश्विक राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ती है।














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