भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ती सैन्य तनाव की ताजा घटना में पाकिस्तानी वायुसेना ने जम्मू, पंजाब और राजस्थान पर ड्रोन व मिसाइलों से हमला किया, जबकि भारत ने S-400 व अन्य जेपेसीएम डिफेंस सिस्टम की मदद से जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी F-16 एवं दो JF-17 लड़ाकू विमानों को मार गिराया। इस लेख में हम घटना के पीछे के कारण, हमले की समयरेखा, युद्धक तकनीकी विवरण, मानवीय व आर्थिक प्रभाव, साथ ही अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत कर रहे हैं।
घटना की पृष्ठभूमि
पाकिस्तान की ओर से हुए हमले से पहले, 7 मई 2025 को भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन ‘सिंदूर’ 2.0 के तहत पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों पर प्रहार किया था, जिसमें पाक द्वारा संचालित आतंकवादी समूहों को निशाना बनाया गया था (The Economic Times)।
इससे पहले, 26 अप्रेल 2025 को पर्टवेशी हमले में कश्मीर के पहलगाम में 26 पर्यटक मारे गए थे, जिसके प्रतिशोध में भारत ने पख्तूनख्वा के आतंकवादी शिविरों पर मिसाइल हमले किए थे (Latest news & breaking headlines, The Guardian)।
हमले की समयरेखा
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8:30 PM (08 मई 2025): पाकिस्तान ने जम्मू में ड्रोन एवं मिसाइल हमले शुरू किए, जिन्हें कई स्थानीय लोगों ने रिकॉर्ड किया (The Guardian)।
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8:35–9:10 PM: राजस्थान के बारमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर के जिलों में भी हमले दर्ज किए गए; कुल मिलाकर भारत के 11 स्थानों को निशाना बनाया गया (India Today)।
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9:15 PM: भारतीय S-400 एंटी-एयरक्राफ्ट सिस्टम ने आक्रमणकारी मिसाइलों को हवा में ही ट्रैक कर नष्ट किया, जिससे जम्मू हवाई अड्डा और पठानकोट एयर बेस सुरक्षित रहे (Business Today)।
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रात 10:00 बजे: भारतीय विमानों ने पाकिस्तानी Sargodha एयरबेस के पास एक F-16 को मार गिराया और दो JF-17 विमानों को भी हार जीसीएम मिसाइल से बेअसर कर दिया (www.ndtv.com, Hindustan Times)।
तकनीकी पहलू और बचाव
पाकिस्तानी हथियार
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पाकिस्तानी ड्रोन में ‘हरोनी’ और ‘कामीकाज़’ स्टाइल के बॉडी-आर्म्ड ड्रोन शामिल थे, जिन्हें सिविलियन एवं सैन्य आधार दोनों पर वार करने के लिए भेजा गया (Financial Times)।
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मिसाइल अटैक्स में तेज रफ्तार वाली बर्दास्त मिसाइलें थीं, जिनका आकार और रेंज मेरिटीकल स्तर की कार्रवाई दिखाती है (India Today)।
भारतीय बचाव
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S-400 सिस्टम: इस सुपरसोनिक वायु रक्षा प्रणाली ने रेडार द्वारा ट्रैक की गई सभी मिसाइलों को इंटरसेप्ट कर हवा में ही नष्ट किया, जिससे ज़्यादा नागरिक व सैनिक नुकसान टला गया (Business Today)।
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SAM (Surface-to-Air Missiles): भारतीय रडार ने F-16 एवं JF-17 विमानों को ट्रैक कर SAM प्रक्षेपित किए, जिनसे पाकिस्तानी वायु हमले को बेअसर किया गया (www.ndtv.com)।
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राफेल व SU-30 MKI: पूर्व-तैनात लड़ाकू विमानों ने भी गश्त बढ़ाकर दुश्मन को हवाई एवं धरातलीय हमलों से बचाया (India Today)।
मानवीय व आर्थिक प्रभाव
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मानवीय प्रभाव: आंधी के समय इंटरनेट व बिजली कटौती के कारण नागरिक जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव देखा गया, लेकिन कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई (Latest news & breaking headlines)।
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आर्थिक प्रभाव: सीमावर्ती क्षेत्रों में कारोबार ठप, कृषि कार्य प्रभावित और रक्षा खर्च में बढ़ोतरी की आशंका, जिससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था पर दबाव बना (Business Today)।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
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संयुक्त राष्ट्र: दोनों देशों से संयम बरतने व कूटनीतिक समाधान की अपील (Financial Times)।
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संयुक्त राज्य अमेरिका: विदेश विभाग ने तत्काल शांति स्थापना के लिए दूत भेजने का प्रस्ताव रखा (The Guardian)।
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यूएस, ब्रिटेन, ईयू: सभी ने क्षेत्रीय स्थिरता व निरस्त्रीकरण पर बातचीत के लिए पहल करने का आह्वान किया (AP News)।
निष्कर्ष
यह टकराव दोनों परमाणु-समृद्ध पड़ोसियों के लिए चिंता का विषय है। S-400 तथा SAM सिस्टम ने भारतीय क्षेत्रों की रक्षा की, लेकिन संकट की घड़ी को कूटनीतिक वार्ता के बिना स्थायी समाधान नहीं मिल सकता। शान्ति बहाल करने हेतु अंतरराष्ट्रीय दबाव व दोनों देशों की राजनयिक पहल अत्यंत आवश्यक है।














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