
आप अपनी आंखों के सामने दुनिया को बटते देख रहे हैं जो कभी एक साथ मित्र हुआ करते थे उन्हें संभवतः आने वाले समय में एक दूसरे का दुश्मन बनते देखेंगे, आज मैं जिस चीज का जिक्र कर रहा हूं वह है ट्रंप की वजह से यूरोपियन यूनियन साथ में नाटो साथ में यूएन इनकी स्थितियों में आने वाला बदलाव संभवतः आने वाले समय में जिस यूरोपियन यूनियन को हमेशा ट्रंप के साथ देखा या अमेरिका के साथ देखा व इनके विपरीत जाने वाली है जिस नाटो की वजह से दुनिया एक साथ थी, हो सकता है वह टूटने की नौबत आ जाए जिस यूएन में आज तक क्रेडिबिलिटी थी अमेरिका शायद उसे वैसे ही छोड़ दे जैसे उसने डब्ल्यूएचओ छोड़ दिया था तमाम बातें आज आपके साथ में करने जा रहा हूं जल्दी से ब्रीफ करते हुए आगे बढ़ते हैं आपने ट्रम्प और जेलिन्सकी वार्ता का विडिओ तो देखा होगा जिस ने पूरी दुनिया का जिओ पॉलिटिकल दिमाग हिला के रख दिया है और जेलेंस्की के बीच हुई नौक झोक का ट्रंप और जेलेंस्की के बीच हुई नौक झोक को आप सबने शुक्रवार को होते देखा जब अमेरिकी वाइस प्रेसिडेंट जेडी वेंस के टोकने पर ट्रंप और जेलिन्सकी आमने-सामने हो गए एक डील होते होते रह गई मिनरल्स की डील जो होने वाली थी वह कहीं बीच में अटक गई अब यह घटना जैसे ही घटी दुनिया दो धड़ में बट गई एक धड़ा था जो जेलेंस्की की तारीफ कर रहा था और एक दढ़िया ग्रेट अगेन की तारीफ कर रहे थे कि राष्ट्रपति हो तो ऐसा जो अपने देश के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार हो लेकिन वह ऐसा कहने वाले लोग संभवतः यह भूल रहे हैं कि यह उस स्थिति में है कि यह किसी भी देश के सैंक्शंस लगाने की ताकत रखता है कोई और देश इनकी तरह रवैया नहीं अपना सकता क्योंकि उन देशों की और देशों पर बहुत ज्यादा डिपेंडेंस रहती है वहीं दूसरी तरफ लोग तारीफ में थे जेलेंस्की के और उनकी तारीफ की मेजर वजह थी कि माना कि आपकी सूझबूझ की कमी से आज यह नौबत आई लेकिन सूझबूझ की कमी क्या पता होनी ही थी यह युद्ध तो होना ही था क्योंकि ट्रंप क्योंकि जेलेंस्की के आने से पहले भी रशिया कभी नहीं चाहता था कि यूक्रेन का स्वतंत्र अस्तित्व हो तो व किसी ना किसी बहाने से ही वो इन पर हमला करता लेकिन ये जिस तरह से इनके सामने खड़े होकर अपने पक्ष को रखते चले गए दुनिया इन दो के बारे में पूरी तरह बट गई खैर जो भी हुआ इस बंदे ने फिर एक कदम और उठाया और क्या उठाया कि ये यहां से निकलते हैं और कैसे वर्ल्ड मीडिया के सामने ट्रंप ने जेलेंस्की को फटकारा था यह घटना घटी फ्राइडे के दिन फ्राइडे के दिन घटना घटी कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अमेरिका के दोगले पन से हो सकता है सदमे में चले जाते कि दुनिया जहां जा रही है ये उल्टे चल पड़े हैं ये वही हैं जो कि पुतिन को जेनुइन आदमी बता रहे हैं बाकी सबको डिक्टेटर कहना शुरू कर दिए कि सब तानाशाह हैं जिसको दुनिया तानाशाह कह रही है वो अच्छा आदमी है इन्होंने सारी परिभाषाएं बदल दी खैर इन्होंने फिर भी हार नहीं मानी ये भाई साहब अपना बोरिया बिस्तर उठाए और निकल पड़े यूरोपियन यूनियन की तरफ अब आप पूछेंगे ऐसा क्यों अच्छा देखिए यूरोपियन यूनियन अगर आपको जानना हो तो फिलहाल के लिए इतना समझिए कि यूरोप के 27 देश ऐसे हैं जिन्होंने बहुत कुछ एक दूसरे के साथ साझा किया हुआ है चाहे फिर वह एक दूसरे के साथ में सुरक्षा की बात करते हो व्यापार की बात करते हो अपने साझा रणनीतिक हितों की बात करते हो चाहे ट्रेड की बात करते हो हालांकि सुरक्षा के रूप में यह लोग अपनी कॉमन फोर्सेस नाटो के साथ रखते हैं लेकिन फिर भी बहुत से मुद्दों पर ये सभी देश एक साथ मिलते हैं खैर इस बात को मैं क्यों कर रहा हूं क्योंकि यूरोपियन यूनियन के ही अध्यक्ष रही उर्सला वन डेन ने जेलेंस्की को बहुत सारी बधाई दे डाली थी, और आपको याद होगा जिस समय जेलेंस्की को फटकार पड़ रही थी कहां से फटकार पड़ रही थी ट्रंप से ट्रंप कुछ भी अंत अंट शंट इनको कहे जा रहे थे और इनके साथ में कहा जा रहा था कुछ इस तरह की न्यूज़ भी चलने लगी कि जेलेंस्की ने कुछ गंदी गाली भी दी थी इसलिए ऐसा होने लगा वो तमाम प्रकार की बातें मीडिया के दौर में दौड़ने लगती हैं लेकिन जो हुआ वोह सबने देखा ऐसे में उर्सुला वन डेन ने जेलेंस्की को लाइन बोली कि देखो भाई आपकी डिग्निटी योर डिग्निटी ऑनर्स द ब्रेवरी ऑफ ऑफ यूक्रेनियन पीपल आप मजबूत रहिए बहादुर रहिए और निडर रहिए आप अकेले नहीं है डियर प्रेसिडेंट हम आपके साथ काम करते रहेंगे लास्टिंग पीस के लिए काम करते रहेंगे अच्छा यूरोप का ये कहना जब कहना देखिए यह बहुत बड़ी बात है यह बात बड़ी इसलिए है कि ये उस समय कही गई बात है जिस समय पर जेलेंस्की के खिलाफ ट्रंप हो चुके हैं ओपनली और उस समय यूरोपियन यूनियन की अध्यक्ष इस तरह की बात बोल रही हैं तो ये अपने आप में में बड़ी बात निकलती है और बस इसी बात को पाते ही तुरंत प्रभाव से जेलेंस्की निकल लिए यूरोप की यात्रा पर और यूरोप की यात्रा में पहुंचे अ इनके पास कीर स्टार्मर के पास यूके के प्राइम मिनिस्टर के पास अच्छा यूके के प्राइम मिनिस्टर की क्या कहानी है देखो पहले तक तो यह भी यूरोपियन यूनियन के ही मेंबर हुआ करते थे लेकिन अब यूरोपियन यूनियन से निकल कर के यूरोप में अपनी अलग छवि रखते हैं लेकिन फिर भी बहुत से फैसले ईयू के साथ-साथ ही लेते हैं ठीक है अब ऐसे में इनके पास ये पहुंचते हैं खबर आती है यह रही आपके सामने आप पहुंच जाते हैं शनिवार के दिन और यहां पर इनका जोरदार स्वागत किया जाता है यूके के प्राइम मिनिस्टर के द्वारा यह वही यूके के प्राइम मिनिस्टर हैं जिनको दो दिन पहले ट्रंप ने यह कह कर के शर्मिंदा किया था सबके सामने कि क्या आप हमारे बिना रूस से झगड़ पाओगे, इस पर अब्सोल तो ये कुछ बोल नहीं पाए क्योंकि यह तैयार नहीं थे हालांकि मैं आइडियो बता दूं तो एलोन मस्क इनसे काफी खफा रहते हैं क्योंकि यह बाइड के पक्ष के माने जाते हैं फिर भी इनकी अंतरराष्ट्रीय रूप से जो इमेज है वह डेमोक्रेटिक प्रकार की है अर्थात एक प्रकार से यह बाइड के समर्थक माने जाते हैं और बाइड मतलब जेलेंस्की के समर्थक माने जाते हैं तो इन्होंने इनका वार्म वेलकम किया कि आप आइए और भाई साहब वेलकम के साथ-साथ इनको लगभग सवा बिलियन पाउंड टिका दिया अब यहां पर एक शब्द है बड़ा और वो है लोन लोन टिका दिया अब आप कहेंगे ये लो जी हो गया बराबर मामला अमेरिका भी तो यही कह रहा था सर इतने दिन से कि अगर अमेरिका ने 350 बिलियन डॉलर का अनुदान दिया है एड दी है तो वो एड के बदले में कुछ मांग रहा है यानी कि एड को वो लोन कन्वर्ट करने की बात कर रहा है जस्ट लाइक यूरोपियन यूनियन यूरोपियन यूनियन जब भी कोई मदद देती है वह मदद के रूप में नहीं देती वह लोन के रूप में ही देती है अमेरिका ने एड के रूप में दिया था लेकिन ट्रंप उसे लोन में कन्वर्ट करवा रहे हैं गलत क्या है चलिए तो मैं आपको बताता हूं यह क्या हुआ इस खबर को थोड़ा और डिटेल में अब समझते हैं देखो यहां जो ये लोन लिखा है असल में यह लोन कुछ और है और यह क्यों दिया गया है वेपन प्रोडक्शन के लिए कि यूक्रेन आप पैसे लो और अपने हथियार बनाओ तो अब आप पूछेंगे तो साहब यह तो गलत बात हो गई ना तो आइए इसको और थोड़ा डिटेल में समझते हैं और डिटेल में समझने के लिए यह तो वह आदमी है जो कि वादे से पलट गए तो इस बात को तो हटा ही दो अगर डे वन पर ही कोई व्यक्ति लोन कह कर के पैसे दे रहा है तो वह ज्यादा स्पष्ट है लेकिन इस पूरी कहानी को हम और आपके सामने डिटेल से डिस्कस करते हैं देखो जैसे ही जेलेंस्की यहां पहुंचते हैं पहले तो उस यात्रा को देखो यहां पर ये पहुंचते हैं तो इनके लिए बड़ा कैन वॉय तैयार किया जाता है कि साहब आओ इनको बुलाया जाता है और सबसे इंटरेस्टिंग बात जो हुई जब ये यहां पहुंचते हैं ना जेलेंस्की तो कीर स्टार्मर जो है जो यहां के प्राइम मिनिस्टर हैं वो इन्हें वार्म वेलकम देते हैं और पूरे रास्ते में इनको चेरिश किया जा रहा होता है मतलब पूरे रास्ते में जो यूके के लोग हैं वो इनको बधाई दे रहे होते हैं कि आप झुके नहीं मतलब इनके साथ कुछ वैसा ट्रीटमेंट दिया जा रहा है जैसे अभी एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है जिसमें यह कहा जा रहा है कि जेलेंस्की ने जो है बिल्कुल वैसे ही किया जैसे महात्मा गांधी जी करके आए थे कभी यूके के साथ मतलब इन्होंने अपने आप आपको ना तो ड्रेस बदली क्योंकि यूके के जब एक बार महात्मा गांधी जी जब गए थे गोलमेज सम्मेलन में तो उनकी ड्रेस के ऊपर ये सवाल उठा था कि आप ये कपड़े क्यों पहनते हैं आप यहां पर कोट पैट क्यों नहीं पहन के आए बिल्कुल वैसे ही इनके साथ भी हुआ अमेरिका में जब ये थे तो इनसे सवाल पूछा गया आप ये कपड़े क्यों पहन के आए हैं आप कोट पैट क्यों नहीं पहन के आए तो इन्होंने कहा कि शांति आ जाएगी तब पहन लूंगा मैं बिल्कुल जैसे महात्मा गांधी जी अपने देश के लिए कहते थे बिल्कुल कुछ उस तरह से इन्होंने अपनी बात रखी तो लोग इनका यूके में बड़ा सम्मान कर रहे थे अच्छा इनका जोरों से स्वागत हुआ जोरदार नारे लगते रहे पूरे रास्ते में और जेलेंस्की के साथ जो ये नारे लगे तारीफ में इसके बाद में प्रधानमंत्री बोले कीर स्टार्मर बोले कि हम आपके और यूक्रेन के साथ हैं भले ही इसमें कितना भी वक्त क्यों ना लगे जेलेंस्की ने इस सपोर्ट के लिए शुक्रिया किया कि आपको पूरा पूरा बैक किया जा रहा है मतलब आपके साथ में लोग खड़े हैं यूके के अंदर नारे लग रहे हैं आपके लिए लोग समर्थन में है और ब्रिटेन आपके साथ खड़ा है यह बात इनको बोली जाती है तो ये अपने आप में एक बहुत बड़ा स्ट्रेटेजिक शिफ्ट दिखाती है मतलब अगर आप किसी को यह बोल रहे हो ट्रंप ने जिसको ये कहकर भेजा हो कि जाओ हम तुम्हारा युद्ध में साथ नहीं देंगे हम पीछे हट रहे हैं उसी के एक दिन बाद यूके के प्राइम मिनिस्टर बोलते हैं कि आप चिंता मत करो हम आपके साथ हैं अब आपके दिमाग में एक प्रश्न आएगा यूके वाले साथ हैं ईयू का भी आप कुछ ऐसा ही कह रहे हैं यह हो क्या रहा है मतलब यूएसए वर्सेस ईयू हो रहा है क्या चल क्या रहा है चलिए इसको भी थोड़ा और डिटेल में चलते हैं तो होता क्या है पहले तो मैं आपको लोन के बारे में बताता हूं और फिर ऐसा क्यों हो रहा है उसके बारे में बताता हूं देखिए सबसे पहले तो लोन समझ लीजिए जो इनको लोन दिया गया है वो असल में g7 स्कीम के तहत दिया गया लोन है अब आप पूछेंगे कि ये क्या होता है g7 स्कीम g7 स्कीम क्या है कि जिस समय पर रूस ने हमला किया था यूक्रेन पर तो रूस की जितनी भी संपत्ति थी जी से देशों में उसको सीज कर लिया गया था और उस सीज की हुई संपत्ति को भविष्य में यूक्रेन के पुनर्निर्माण में उपयोग में लिया जाएगा यह वादा किया गया था तो देखें आप यह देखें दिस इज द यूके कंट्रीब्यूशन टू द g7 एक्स्ट्राऑर्डिनरी रेवेन्यू एक्सीलरेशन ईआर ए लोन टू यूक्रेन स्कीम थ्रू विच g7 कंट्रीज विज कलेक्टिवली प्रोवाइड 50 बिलियन डॉलर टू सपोर्ट यूक्रेन अब आपका दिमाग फिर दौड़ेगा कि साहब g7 के अंदर तो अमेरिका भी बैठा है ,बिल्कुल बैठा है अमेरिका तो इस समय चाहता ही लोन देना है ना एड तो देना ही नहीं चाह रहा है ट्रंप क्या बोल रहे हैं कि मेरा पैसा लोन कर दो इसको एड मतम कहो यही तो लड़ाई चल रही है अच्छा लेकिन उस लड़ाई में भी य के साथ नहीं वो जेलेंस की साथ नहीं हो रहे हैं लेकिन जी से के साथ में यह सवाल निकल के आया कि सर ये 50 बिलियन कहां से मतलब कहानी क्या है तो इसका थोड़ा इतिहास जानते हैं उससे पहले इसको पढ़ लेते हैं यहां लिखा हुआ है यूके का लोन है वेपन प्रोडक्शन के लिए दिया जाएगा यूक्रेन इससे हथियार बनाएगा तो एक बार g7 कंट्रीज आप देख लें कनाडा यूके यूएसए यूरोपियन यूनियन जर्मनी इटली फ्रांस और जापान ये मिलकर के बनाते हैं ऐसा कैसे होता है तो देखें जनाब बात ऐसी है कि जिस समय रशिया यूक्रेन वॉर शुरू हुआ उसी समय पर g7 ने रूस के जितने भी एसेट थे ना उन सबको सीज कर लिया था और सीज करके उनको इकट्ठा करके एक फंड बना लिया और वो था 50 बिलियन का अब आप पूछेंगे कौन से एसेट सीज कर लिए तो रूस की क्या है जैसे मान लीजिए कि कहीं कोई फैक्ट्री चल रही है कहीं कोई कंपनी चल रही है इन जैसे देशों में उसको सीज करके अपने पास रख लिया और उससे 50 बिलियन डॉलर इकट्ठे किए और इन 50 बिलियन में से ही यूक्रेन को पैसा दिया जाएगा यह डिसाइड किया गया इन g7 देशों के द्वारा ठीक है तो यह आप अक्टूबर 2024 की कटिंग देख रहे हैं इसमें g7 ने 50 बिलियन डॉलर यूक्रेन को लोन देने की बात कही थी अक्टूबर के अंदर ठीक है साहब 50 बिलियन डॉलर कहां से आएगा तो रूस की जप्त की गई संपत्ति से तो यह पैसा कहां से आया तो यह जो 2 बिलियन आप सुन रहे हैं सवा बिलियन लोन असल में यह g7 की ही संपत्ति से दिया गया पैसा है अब उम्मीद है आपको यह बात अब समझ में अच्छे से आ गई हो क्लियर अब हम बढ़ते हैं यूरोपियन यूनियन की तरफ तो जैसे जैसे मैंने अभी कहा कि यूरोपियन यूनियन की प्रेसिडेंट बोल रही है जेलेंस की तुमसंघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं तो आपके दिमाग में एक बड़ा प्रश्न आएगा और वो बड़ा प्रश्न ये है भाई साहब इतनी यूरोपियन यूनियन वालों की हिम्मत कहां से हो गई कि वो ट्रंप के खिलाफ खड़े हो सकते हैं मतलब ट्रंप बोल रहा है और वो कह रहे हैं कि बेटा तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ है ट्रंप ने तुम्हारी बेइज्जती कर दी कोई बात नहीं ट्रंप ने डांट दिया कोई बात नहीं हम तुम्हारे साथ खड़े हैं अब देखो न्यूज यह है कि यूरोपियन यूनियन ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है किस बात पर यूक्रेन के लिए कि यूक्रेन के लिए साहब हम बात करेंगे तो यह खबर देख रहे हैं यूरोपियन लीडर रैल बिहाइंड जेलेंस्की आफ्टर ट्रंप क्लैश और यह साहब बुला लेते हैं कि आइए हम चर्चा करेंगे जेलेंस्की के लिए हम क्या कर सकते हैं तो यूरोपियन यूनियन क्या अपने आप को दुनिया में एक नए लीडर के रूप में देखना चाहता है जस्ट लाइक अमेरिका जैसे अमेरिका अपने आप को एज ए लीडर देखता है तो क्या यूरोपियन यूनियन भी अपने आप को वहां देख रहा है क्या अब यह सवाल मैं क्यों कर रहा हूं क्योंकि यह तो सत्य हो चुका है कि यह लोग खिलाफ जा रहे हैं लेकिन जा क्यों रहे हैं अब इसको समझ लेते हैं देखो आपने अगर सुना हो तो जेलेंस्की बार-बार एक ही लाइन बोल रहे थे ट्रंप के सामने और वो क्या कह रहे थे कि सर देखो आपकी जो स देश है ना इसके दोनों तरफ ओशियन है आपके दोनों तरफ ओशियन है एक तरफ पैसिफिक है और एक तरफ अटलांटिक है आपको टेंशन नहीं है लेकिन जिस दिन आप इस चीज को समझ पाएंगे ना कि युद्ध क्या होता है अब जैसे हमारा देश है इतने सारे देशों के साथ श्रीलंका बांग्लादेश पाकिस्तान इतनो के साथ बॉर्डर साझा कर रहा है तो हमको हर जगह पर अपनी सेना बैठा होती है हमको हर जगह बॉर्डर के ऊपर इफिट्रेस का ध्यान रखना पड़ता है अमेरिका के साथ क्या है एक तरफ कनाडा है जो डेवलप्ड कंट्री है दूसरी तरफ मेक्सिको है जहां दीवार खींच दी तो भाई बाकी तो सब तरफ समुंदर ही है तो उसको कोई टेंशन होती नहीं है लेकिन यूरोप को अगर आप देखें तो ये तो छोटे-छोटे जिलों जैसे देश हैं मतलब आप देखें तो अब देखिए ये रहा यूक्रेन है ना अगर आप यूक्रेन को देखें तो इसके साथ में एक देश जुड़ा है यूरोपियन यूनियन का नाम है पोलैंड इधर देखिए लिथुआनिया लाटविया एस्टोनिया इधर देखें तो मोल्दोवा ये सार वो देश हैं रोमानिया ये वो सारे देश हैं जो यूक्रेन के जस्ट बाद यूरोपियन यूनियन के सदस्य हैं और यह देश नाटो सदस्य भी हैं मतलब ऐसे समझे कि यूक्रेन पर अगर कब्जा हुआ अब आपके दिमाग में एक सवाल आएगा रशिया ऐसे पागल क्यों हो रहा है देश पर कब्जा करने के लिए तो देखो रशिया का तो एकदम सिद्धांत सीमित है उसका कहना यह है कि 1991 से पहले हम यूएसएसआर हुआ करते थे तब ये सब देश हमारा ही तो हिस्सा हुआ करते थे ये जितने भी छोटू मोटू देश आप देख रहे हो ये सब हमारे थे तो अगर हम उन्हें वापस 2025 ऑनवर्ड जोड़ ले अपने साथ वापस अपने साथ ही इंट्रोड्यूस कर लें तो फिर बुराई क्या है ठीक है तो यूएसएसआर तो अपनी पुरानी खोई हुई नीति अब मतलब पुरानी खोई हुई जमीन को पाने निकला है इसको कहिए तो एक्सपेंशन करने निकला है तो यूक्रेन पर अगर यह सक्सेसफुल होता है तो भाई यह घटना यही नहीं रुकेगी ये आगे वाले देशों में भी जाएगी आपको पता हो तो यूक्रेन के विषय पर अमेरिका ने और रूस ने खुद खुद से डील कर ली यह खुद से जो डील कर ली ना कि हम शांति लाएंगे असल मायने में एक तरफ अमेरिका भी विस्तार चाह रहा है आपने देखा होगा पनामा को धमका दिया ग्रीनलैंड को धमका दिया कैनेडा को धमका दिया अब यूक्रेन को धमका दिया मतलब यह भी चाहते हैं कि दुनिया में विस्तार करें और यह भी चाहते हैं दुनिया में विस्तार करें अच्छा इस विस्तार को आप यहां भी देख सकते हैं अभी कुछ दिनों पहले जो वोटिंग हुई थी उसमें अमेरिका ने पूरी दुनिया के खिलाफ जाकर रूस के समर्थन में वोट कर दिया था मतलब ये दो लोग ऐसे मिल गए जो कि इस विचारे को इसलिए डांट रहे हैं ताकि दुनिया पर अपना सिक्का कायम कर सके यह चाहते हैं कि इनका विस्तार पनामा तक हो जाए वो चाहते हैं कि उनका पुराना यूएसएसआर वापस आ जाए तो दुनिया के दो बड़े शक्तिशाली देश विस्तार वादी नीतियां अपना रहे हैं अच्छा विस्तार वादी नीतियों में अगर आपको याद हो तो यह वही वाला दौर है जो कि एक समय भारत के ऊपर जब अंग्रेजों का शासन था उस समय फ्रांस और ब्रिटेन बिल्कुल ऐसे ही चलते थे तो इस समय यूएसएसआर में बैठे मतलब यूएसएस की पुरानी वापसी और अमेरिका का विस्तार यह दोनों इसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं अच्छा एक इंटरेस्टिंग वीडियो इन दिनों वायरल हो रहा है और वो वायरल है डिबेट का किस डिबेट का वायरल है ये अगर आपको याद हो तो अमेरिकी राष्ट्रपति के इलेक्शन में डिबेट होती है और डिबेट में हमेशा जो दोनों कंटेंडर्स होते हैं वो अपनी अपनी बात रखते हैं तो यह उस समय की उपराष्ट्रपति थी इन्होंने अपनी बात रखते हुए कमला हैरिस ने एक बात बोली थी आपको सुनना चाहिए उस बात में इन्होने है खुशी के लिए ये कुछ भी करने को तया सास के नाम पर अगर ये राष्ट्रपति बनते हैं तो उस स के अंदर आकर जाए स के अंदर आकर जाएंगे यूक्रेन की रा राजधानी में आकर बैठेंगे अभक्या हो रहा है इनका जो ये बयान है लोग कह रहे हैं इन्होने पह कर लिया ये आदमी पूरी तरह से साथ छोड़ देगा और ये के अंदर उसको घुसा देगा क्यों बोले ये दोनों मित्र हैं और मित्रता किस बात की इन्हें भी देश बढ़ाना है अपना चारों तरफ और इन्हें भी बढ़ाना है बाकी लोग पिसते रहो यही कारण है कि ये सबको चुप कराए चल रहे हैं ठीक है साहब अच्छा अब आप पूछेंगे लेकिन सर यूरोपियन यूनियन को यूक्रेन का साथ मिलने का कोई बड़ा रीजन क्या है तो देखिए जेलेंस्की ने पूरी दुनिया को चेता दिया था कि देखो आपको लग रहा है कि हमारा देश पिट रहा है आप ये मत भूलिए कि थोड़े दिन बाद एस्टोनिया लातविया पोलैंड मोल्दोवा का नंबर है इन देशों के ऊपर रशिया का ध्यान है पूरी एक सीक्रेट डॉक्यूमेंट लीक हुआ जिसमें यह पता चला कि रूस यूक्रेन से शुरू होकर के आगे जाएगा स्लोवाकिया पोलैंड लात्म एस्टोनिया इनको पकड़ने के लिए अगला नंबर पोलैंड का है यह बात अब जगजाहिर हो चुकी है बोले आप लोग खुश हो लो कि मेरे ऊपर कब्जा हो रहा है लेकिन यह कब्जा आ आपके ऊपर ही रहा है यह बात जेलेंस्की ने सबको समझा दी अच्छा अब आप पूछेंगे साहब जेलेंस्की ने समझा दी लेकिन यह देश तो पोलैंड की अगर आप बात कर रहे हैं हैं तो यह तो वो देश हैं जो कि नाटो के मेंबर हैं यह तो अमेरिका के साथ में वो देश हैं जो कि सिक्योरिटी की गारंटी ले चुके हैं कि हां भाई अगर आप हमारे ऊपर हमला होगा तो हमें बचा लीजिएगा तो यह तो सारे के सारे वो देश दिखाई दे रहे हैं इन पर कोई हमला कैसे कर सकता है अब आप समझो इन पर हमला कैसे कर सकता है असल में इस समय पर नाटो छोड़ने की धमकी दे चुका है अमेरिका उम्मीद है आपको याद हो तो एलोन मस्क ने अमेरिका की तरफ से यह अनाउंस भी कर दिया है कि हम नाटो छोड़ना चाहते हैं क्योंकि नाटो के नाम पर हम ही तो खर्चा करते हैं ये लोग तो कुछ नहीं करते तो ये बेचारे जो एस्टोनिया जैसे देश हैं पोलैंड जैसे स्लोवाकिया जैसे इनका क्या होगा इन पर तो हमला हो जाएगा तो ऐसे में ये सीक्रेट डॉक्यूमेंट जो निकला था मार्च के अंदर 2023 में कि इनका फ्यूचर प्लान है कब्जा करना तो भाई साहब यह बात तो सच है और यह बात सच इसलिए भी है क्योंकि इन्हें आगे बढ़ते हुए यह माल्ड वा वगैरह इसलिए पकड़ने हैं एस्टोनिया इसलिए पकड़ना है ताकि इन देशों को पकड़ कर के फिर से अपना यूएसएसआर बना लें तो ये जो थॉट प्रोसेस है इन थॉट प्रोसेस में दोनों की समानता है और यूरोपियन यूनियन का डर लाजमी है क्योंकि भाई जा तो यूरोप ही रहा है अगर ऐसा होता है तो इन भाई साहब का तो कुछ जाना नहीं है
यह तो पहले ही कह चुके हैं ये आने वाले समय में डेनमार्क को धमका देंगे कि ग्रीनलैंड हमें दो तो ग्रीनलैंड मिल जाएगा और इधर की तरफ से पनामा तक पहुंच जाएंगे दोनों विस्तार वादी हैं और दोनों ही इस समय के एक्सपेंशन में नजरें गड़ाक बैठे हैं इसका मतलब ट्रंप जो है वो पूरी तरह से अपने आप को एक क्रोइंग नेशन के रूप में दिखाना चाहते हैं ये चाहते हैं इनका वेल्थ एक्सपें हो टेरिटरी एक्सपेंड हो यह पूरी तरह फैल जाए अमेरिका की इस समय यह चाहत चल रही है तो उम्मीद है कि आपको यह बात अच्छे से समझ में आ जाए कि ट्रंप को पनामा कैनाल चाहिए ग्रीनलैंड चाहिए फिर थोड़े दिन बाद
यह और देशों के ऊपर भी अपना हक जताने लगेंगे और यह अमेरिका को बहुत आगे तक फैलाकर देखना चाहते हैं ठीक है उसके मैं कुछ बानगी दिखा दूं देख लो गल्फ ऑफ अमेरिका नाम दे दिया गल्फ ऑफ मेक्सिको का यह दूसरा देख लो कि इनको कह दिया कि कनाडा वालों तुम अपने आप को 51 वा स्टेट बना बना लो इस तरह से टप ट्रंप पहले कह चुके हैं ऐसे ही आपने यदि देखा हो तो ग्रीनलैंड को लेकर के डेनमार्क को धमका चुके कि यह हमको दे दो तो दोनों की दोनों बस उसी दिशा में बढ़ रहे हैं ऐसे में अब यूरोपियन यूनियन क्या कर सकता है तो यूरोपियन यूनियन पर भी ट्रंप अगर ये कुछ ऐसा करता है यूरोपियन
यूनियन कि वो जेलेंस्की के साथ चला जाए तो भाई यूरोपियन यूनियन को भी धमकी दे रहे हैं कि तुम्हारे ऊपर भी मैं 25 पर टैरिफ लगा दूंगा मतलब इस आदमी के दिमाग में विस्तार की ऐसी सनक चढ़ गई है कि ये आने वाले समय में जितने भी मित्र हैं जैसे देखो इंडिया के केस में कहा कि रेसिप प्रोकल टैक्स लगा दूंगा कनाडा पर कहा कि टैक्स लगा दूंगा यूरोपियन यूनियन पर कहा 25 पर टैक्स लगा दूंगा मतलब सबको धमकाया चल रहा है ताकि ये खुद को बड़ा आदमी बना सके खुद को ऐसा व्यक्ति बना ले तो ऐसे में क्या कोई नई गणित बैठ रही है क्या देखो गणित तो बैठ रही है उर्सुला वन डेन भारत की यात्रा पर आई हुई थी और प्रधानमंत्री से मुलाकात भी हुई है इनकी लेकिन इतना जल्दी भारत भी कुछ स्टैंड नहीं ले पाएगा क्योंकि हमको भी तो अपनी राजनीति बचानी है हमें पता है कि अमेरिकी इंटरफेरेंस से हमारे देश में क्या बवाल हो सकते हैं तो हम अपनी राजनीति को बचाने में लगे हैं हमारी कुछ मजबूरियां रही होंगी संभवतः उनको बचाने में लगे हैं इधर ये बेचारे अपने आप को बचाने में लगे तो सब अभी ट्रंप से ही खुद को बचाते फिर रहे हैं इनका चेहरा आपको याद इसलिए रहना चाहिए कि रि स्टार्मर का जिनको इन्होंने कहा था कि तुम क्या रूस के सामने बच पाओगे हालांकि ये कुछ कह नहीं पाए थे ठीक है कुल मिलाकर के अब बात ये है कि अगर ईयू कुछ भी ऐसा करता है तो भाई साहब यूएस तो साफ बोल रहा है हम तो नाटो से बाहर निकल जाएंगे ये इलोन मस्क का थोड़ी देर पहले का बयान है जिसमें उन्होंने एक बयान को यह कहते हुए समर्थन दे दिया क्या समर्थन दे दिया कि हां मैं तुम्हारे साथ हूं अगर तुम यह कहते हो कि हां हमें नाटो से बाहर निकलना चाहिए यूएन से निकलना चाहिए तो तुरंत इन्होंने कहा मैं इस बात को मानता हूं तो क्या अमेरिका भाई इससे निकलने के बारे में सोच रहा है और कर सकते हैं ये लोग कुछ भी कर सकते हैं क्योंकि इनको अब दोनों तरफ से एक तरफ पुतिन और एक तरफ ट्रंप दुनिया में कोहराम मचाने की तैयारी में संभवतः लग रहे हैं ठीक है इसी तरह अमेरिका के अंदर जेडी वेंस के खिलाफ प्रोटेस्ट हो रहा है यूक्रेनियंस का अमेरिका में कि आपने जेलेंस्की के साथ गलत किया उनके खिलाफ लोग प्रोटेस्ट कर रहे हैं और कह रहे हैं कि हम यूक्रेन के साथ खड़े हैं खैर जो भी है साथियों आपके सामने है और यह आने वाले समय के लिए कितना घातक होगा यह तो सब देखना होगा आवश्यकता है कि भारत अपने आप को मजबूती से रखे अपनी बातों को और स्पष्ट रूप से रखे और भारत क आवश्यकता है विशेष रूप से हमारे राजनीतिक दल जितने भी हैं वो सब लोग एकजुट हो जाएं और एकजुट होकर के भारत के हितों की रक्षा के लिए सब कुछ प्लान करें क्योंकि यह चीज जंगल में आग है यह रशिया यूक्रेन वॉर से भी बड़ी घटना घट रही है यह घटना गजा और इजराइल की घटना से भी बड़ी घटना है इस समय पर हमें आवश्यकता है अदर वाइज अपने बाजारों पर इसका बड़ा नकारात्मक असर देखा जा सकता है भारत को आवश्यकता है कि ऐसे समय पर एक अलग प्रकार की कूटनीति अपनाए वापस से जो हमने गुट निरपेक्ष नीति अपनाई थी उसकी तरफ ध्यान दें और देखें कि किस प्रकार से अपने आप को हम मजबूती से खडा रख पाते हैं














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