पृष्ठभूमि: जातिगत जनगणना का इतिहास
स्वतंत्रता के बाद भारत में किसी भी पूर्ण जातिगत जनगणना का आयोजन नहीं हुआ था (आखिरी बार कब हुई थी जातीय जनगणना, जानें- कांग्रेस समेत विपक्षी दलों का क्या रहा है स्टैंड? – When was the last caste census conducted know what has been the stand of opposition parties including Congress ntcpvp – AajTak)। ब्रिटिश शासन के दौरान आखिरी बार 1931 में जाति आधारित जनगणना हुई, जब 4,147 जातियाँ दर्ज की गईं और ओबीसी आबादी 52% पाई गई थी (आखिरी बार कब हुई थी जातीय जनगणना, जानें- कांग्रेस समेत विपक्षी दलों का क्या रहा है स्टैंड? – When was the last caste census conducted know what has been the stand of opposition parties including Congress ntcpvp – AajTak)। 1941 में एक बार फिर जातिगत आंकड़े जुटाए गए, लेकिन उन्हें प्रकाशित नहीं किया गया। 1951 के बाद से केवल अनुसूचित जाति/जनजाति (एससी/एसटी) के आंकड़े ही जारी हुए (आखिरी बार कब हुई थी जातीय जनगणना, जानें- कांग्रेस समेत विपक्षी दलों का क्या रहा है स्टैंड? – When was the last caste census conducted know what has been the stand of opposition parties including Congress ntcpvp – AajTak)।
2011 में तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार ने सामाजिक-आर्थिक और जातिगत जनगणना (SECC) करवाई, लेकिन उसके विस्तृत आंकड़े प्रकाशित नहीं किए गए (आखिरी बार कब हुई थी जातीय जनगणना, जानें- कांग्रेस समेत विपक्षी दलों का क्या रहा है स्टैंड? – When was the last caste census conducted know what has been the stand of opposition parties including Congress ntcpvp – AajTak) (Caste Census; PM Narendra Modi Cabinet Decision | Shillong Silchar Corridor | देश में आजादी के बाद पहली बार जातिगत जनगणना होगी: बिहार चुनाव से पहले केंद्र का फैसला; राहुल बोले- फैसले का समर्थन, डेडलाइन तय हो | Dainik Bhaskar)। 2011 के अंतिम अनुमानों के अनुसार देश में 1,270 एससी जातियाँ थीं (आबादी 16.6%) और 748 एसटी जातियाँ थीं (आबादी 8.6%) (Caste Census; PM Narendra Modi Cabinet Decision | Shillong Silchar Corridor | देश में आजादी के बाद पहली बार जातिगत जनगणना होगी: बिहार चुनाव से पहले केंद्र का फैसला; राहुल बोले- फैसले का समर्थन, डेडलाइन तय हो | Dainik Bhaskar) (Caste Census; PM Narendra Modi Cabinet Decision | Shillong Silchar Corridor | देश में आजादी के बाद पहली बार जातिगत जनगणना होगी: बिहार चुनाव से पहले केंद्र का फैसला; राहुल बोले- फैसले का समर्थन, डेडलाइन तय हो | Dainik Bhaskar)। तालिका में दिखाए गए आंकड़ों से स्पष्ट है कि पिछली गणना में एससी/एसटी के अलावा बाकियों के वर्गीकरण को विस्तार से समेटा नहीं गया था (Caste Census; PM Narendra Modi Cabinet Decision | Shillong Silchar Corridor | देश में आजादी के बाद पहली बार जातिगत जनगणना होगी: बिहार चुनाव से पहले केंद्र का फैसला; राहुल बोले- फैसले का समर्थन, डेडलाइन तय हो | Dainik Bhaskar) (Caste Census; PM Narendra Modi Cabinet Decision | Shillong Silchar Corridor | देश में आजादी के बाद पहली बार जातिगत जनगणना होगी: बिहार चुनाव से पहले केंद्र का फैसला; राहुल बोले- फैसले का समर्थन, डेडलाइन तय हो | Dainik Bhaskar)। तब से अब तक कोई नए जातिगत आंकड़े उपलब्ध नहीं थे।
सरकार की घोषणा और उद्देश्य
नई दिल्ली में मोदी सरकार की कैबिनेट ने हाल ही में ऐतिहासिक निर्णय लिया कि आगामी जनगणना में पहली बार जातिगत गणना भी शामिल की जाएगी (Caste Census; PM Narendra Modi Cabinet Decision | Shillong Silchar Corridor | देश में आजादी के बाद पहली बार जातिगत जनगणना होगी: बिहार चुनाव से पहले केंद्र का फैसला; राहुल बोले- फैसले का समर्थन, डेडलाइन तय हो | Dainik Bhaskar) (74 साल बाद होगी देश में जातीय जनगणना, मोदी कैबिनेट के इस फैसले के फायदे-नुकसान समझ लीजिए – what is caste census in hindi jati janganana kya hai know advantages and disadvantages – Navbharat Times)। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम सामाजिक-आर्थिक समानता बढ़ाने और नीतिगत पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है (74 साल बाद होगी देश में जातीय जनगणना, मोदी कैबिनेट के इस फैसले के फायदे-नुकसान समझ लीजिए – what is caste census in hindi jati janganana kya hai know advantages and disadvantages – Navbharat Times)। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे “सामाजिक न्याय को मजबूत करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम” बताया (Nitin Gadkari Reaction on Caste Census Announcement by Narendra Modi Government | मोदी सरकार ने किया जाति जनगणना का ऐलान, नितिन गडकरी बोले- ‘यह फैसला…’)। उनके अनुसार यह निर्णय वंचित और पिछड़े वर्गों को सशक्त करने तथा समाज में समावेशी प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है (Nitin Gadkari Reaction on Caste Census Announcement by Narendra Modi Government | मोदी सरकार ने किया जाति जनगणना का ऐलान, नितिन गडकरी बोले- ‘यह फैसला…’)।
सरकार का दावा है कि इससे विभिन्न जातियों की जनसंख्या का सटीक आंकलन हो सकेगा और योजनाओं में आरक्षण व कल्याण के उपाय बेहतर तरीके से लागू किए जा सकेंगे। अभ्यस्त तौर पर हर दस साल में होने वाली जनगणना (अगली 2021 की कोविड के कारण टल गई थी) के साथ जातिगत आंकड़ों को इकट्ठा करना है (Caste Census; PM Narendra Modi Cabinet Decision | Shillong Silchar Corridor | देश में आजादी के बाद पहली बार जातिगत जनगणना होगी: बिहार चुनाव से पहले केंद्र का फैसला; राहुल बोले- फैसले का समर्थन, डेडलाइन तय हो | Dainik Bhaskar)।
समयबद्धता और राजनीतिक असर
केंद्रीय कैबिनेट ने 30 अप्रैल 2025 को यह फैसला लिया, जब तक इस वर्ष के अंत में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 होने हैं (Caste Census; PM Narendra Modi Cabinet Decision | Shillong Silchar Corridor | देश में आजादी के बाद पहली बार जातिगत जनगणना होगी: बिहार चुनाव से पहले केंद्र का फैसला; राहुल बोले- फैसले का समर्थन, डेडलाइन तय हो | Dainik Bhaskar)। इसके तहत जातिगत गणना 2025 की मूल जनगणना के साथ एकीकृत रूप से सितंबर 2025 में शुरू हो सकती है (Caste Census; PM Narendra Modi Cabinet Decision | Shillong Silchar Corridor | देश में आजादी के बाद पहली बार जातिगत जनगणना होगी: बिहार चुनाव से पहले केंद्र का फैसला; राहुल बोले- फैसले का समर्थन, डेडलाइन तय हो | Dainik Bhaskar)। अनुमान है कि पूरा प्रोसेस लगभग एक वर्ष में पूरा होगा और अंतिम आँकड़े 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत तक मिल जाएंगे (Caste Census; PM Narendra Modi Cabinet Decision | Shillong Silchar Corridor | देश में आजादी के बाद पहली बार जातिगत जनगणना होगी: बिहार चुनाव से पहले केंद्र का फैसला; राहुल बोले- फैसले का समर्थन, डेडलाइन तय हो | Dainik Bhaskar)।
विश्लेषकों का कहना है कि चुनाव से ठीक पहले इस घोषणा से जनता में सकारात्मक संदेश जाएगा और विपक्ष के उठाए मुद्दों पर ध्रुवीकरण को कम करने की कोशिश की गई है। कुछ विशेषज्ञों ने इसे बिहार में पिछड़े वर्गों के हितैषी नेताओं की पुरानी मांग पर मोदी सरकार का “मास्टरस्ट्रोक” भी बताया है (Caste Census In India: बिहार चुनाव से पहले मोदी का मास्टर स्ट्रोक, राहुल-तेजस्वी की मुद्दों वाली झोली ठन-ठन गोपाल – caste census in india by announcing caste census before bihar elections 2025 narendra modi government made rahul gandhi and tejashwi yadav issueless – Navbharat Times)। इस कदम से यह संकेत भी मिलता है कि सरकार धीरे-धीरे आरक्षण की सीमा (50% बाधा) पर पुनर्विचार कर सकती है, जैसा तेजस्वी यादव ने भी सुझाव दिया है (देशभर में जाति जनगणना कराने के फैसले का श्रेय किसको? बिहार के नेताओं में ऐसे छिड़ा क्रेडिट वॉर…)।
पक्ष और विपक्ष की प्रतिक्रियाएँ
सत्तारूढ़ भाजपा और उसके सहयोगी इस कदम को ऐतिहासिक ठहरा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और नितिन गडकरी ने कहा कि यह सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने वाला कदम है (74 साल बाद होगी देश में जातीय जनगणना, मोदी कैबिनेट के इस फैसले के फायदे-नुकसान समझ लीजिए – what is caste census in hindi jati janganana kya hai know advantages and disadvantages – Navbharat Times) (Nitin Gadkari Reaction on Caste Census Announcement by Narendra Modi Government | मोदी सरकार ने किया जाति जनगणना का ऐलान, नितिन गडकरी बोले- ‘यह फैसला…’)। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने भी ट्वीट कर इसे “मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला” बताया और विपक्ष पर निशाना साधा कि कांग्रेस सरकारों ने पहले इसे केवल टालते रहे (देशभर में जाति जनगणना कराने के फैसले का श्रेय किसको? बिहार के नेताओं में ऐसे छिड़ा क्रेडिट वॉर…)। बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की।
विपक्षी दलों ने मिक्स प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि वे जातिगत जनगणना के समर्थन में हैं, लेकिन उसकी समय-सीमा स्पष्ट होनी चाहिए (Caste Census; PM Narendra Modi Cabinet Decision | Shillong Silchar Corridor | देश में आजादी के बाद पहली बार जातिगत जनगणना होगी: बिहार चुनाव से पहले केंद्र का फैसला; राहुल बोले- फैसले का समर्थन, डेडलाइन तय हो | Dainik Bhaskar)। बिहार में राजद के नेता तेजस्वी यादव ने इसे अपने दल की जीत बताया और कहा कि उन्होंने इस मांग के लिए सड़क से लेकर अदालत तक संघर्ष किया है (देशभर में जाति जनगणना कराने के फैसले का श्रेय किसको? बिहार के नेताओं में ऐसे छिड़ा क्रेडिट वॉर…)। कांग्रेस के बिहार इकाई ने सोशल मीडिया पर लिखा कि कभी नरेंद्र मोदी केवल चार जातियों की बात करते थे, लेकिन अब अचानक पूरे देश में जातिगत गणना कराने की घोषणा कर दी है (देशभर में जाति जनगणना कराने के फैसले का श्रेय किसको? बिहार के नेताओं में ऐसे छिड़ा क्रेडिट वॉर…)। कुछ छोटे दल और वामपंथी संगठनों ने भी अपने-अपने क्रेडिट की बातें की हैं।
सामाजिक प्रभाव और प्रमुख सवाल
जनगणना में जाति का समावेश सकारात्मक परिणामों के साथ विवादों को भी जन्म देगा। विश्लेषकों का कहना है कि जातिगत आंकड़े राजनीतिक ध्रुवीकरण और सामाजिक तनाव बढ़ा सकते हैं (74 साल बाद होगी देश में जातीय जनगणना, मोदी कैबिनेट के इस फैसले के फायदे-नुकसान समझ लीजिए – what is caste census in hindi jati janganana kya hai know advantages and disadvantages – Navbharat Times) (74 साल बाद होगी देश में जातीय जनगणना, मोदी कैबिनेट के इस फैसले के फायदे-नुकसान समझ लीजिए – what is caste census in hindi jati janganana kya hai know advantages and disadvantages – Navbharat Times)। जातिगत विभाजन गहराने, वोट बैंक राजनीति बढ़ने और समाज में असुरक्षा बढ़ने की आशंकाएं जताई जा रही हैं (74 साल बाद होगी देश में जातीय जनगणना, मोदी कैबिनेट के इस फैसले के फायदे-नुकसान समझ लीजिए – what is caste census in hindi jati janganana kya hai know advantages and disadvantages – Navbharat Times)। इसके साथ ही आरक्षण सीमा पर प्रश्न उठ सकते हैं – यदि कुछ पिछड़ी जातियाँ अपेक्षा से अधिक आबादी दिखाती हैं तो ओबीसी आरक्षण बढ़ाने की मांग उठ सकती है (74 साल बाद होगी देश में जातीय जनगणना, मोदी कैबिनेट के इस फैसले के फायदे-नुकसान समझ लीजिए – what is caste census in hindi jati janganana kya hai know advantages and disadvantages – Navbharat Times)। बिहार के 2023 के जाति सर्वेक्षण में ओबीसी एवं ईबीसी की आबादी कुल 63% बताई गई थी, जिसे विपक्षी दलों ने चुनावी मुद्दे के रूप में उठाया था (74 साल बाद होगी देश में जातीय जनगणना, मोदी कैबिनेट के इस फैसले के फायदे-नुकसान समझ लीजिए – what is caste census in hindi jati janganana kya hai know advantages and disadvantages – Navbharat Times)। अब पूरे देश में ऐसी गणना से इसी तरह की बहस छिड़ने की सम्भावना है।
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