लेखक: ग्लोबल अपडेट्स टीम | प्रकाशित: 7 जून 2025
🔷 परिचय
भारत ने एक बार फिर दुनिया को अपनी इंजीनियरिंग क्षमता और रणनीतिक दूरदर्शिता से चौंका दिया है। जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित चिनाब रेलवे ब्रिज अब दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे ब्रिज बन चुका है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि न केवल तकनीकी दृष्टि से बल्कि आर्थिक, सामाजिक और सामरिक दृष्टि से भी भारत के लिए मील का पत्थर है।
📍 कहां स्थित है यह ब्रिज?
यह पुल चिनाब नदी पर स्थित है और जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में बना है। यह पुल कश्मीर को भारत के अन्य भागों से जोड़ने वाली महत्वाकांक्षी परियोजना का हिस्सा है — उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेलवे लिंक (USBRL)।
🚆 USBRL परियोजना: जम्मू-कश्मीर को जोड़ने की कड़ी
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इस परियोजना की कुल लंबाई 272 किलोमीटर है।
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इसका उद्देश्य कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से 12 महीने रेलवे कनेक्टिविटी प्रदान करना है।
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इससे न केवल सेना की आवाजाही आसान होगी, बल्कि पर्यटन और व्यापार को भी गति मिलेगी।
🏗️ चिनाब ब्रिज की तकनीकी विशेषताएं
| विशेषता | विवरण |
|---|---|
| ऊँचाई | 359 मीटर (एफिल टावर से 35 मीटर ऊँचा) |
| लंबाई | 1315 मीटर |
| डिजाइन | आर्क ब्रिज (धनुषाकार) |
| लागत | ₹1486 करोड़ |
| निर्माण सामग्री | स्टील और कंक्रीट |
| उद्घाटन | 6 जून 2025, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा |
⚙️ आर्क ब्रिज डिज़ाइन: एक इंजीनियरिंग चमत्कार
चिनाब ब्रिज एक आर्क ब्रिज है, जो धनुष के आकार में निर्मित है। इस डिज़ाइन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह भारी भार सहन करने में सक्षम होता है, बिना नीचे किसी सपोर्ट सिस्टम के। इससे रेलगाड़ी का भार पूरे पुल में समान रूप से वितरित होता है।
🔐 सामरिक महत्व
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सेना की आवाजाही: इस पुल से कश्मीर में सैन्य साजो-सामान और जवानों की सुगम आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
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दुश्मन के खतरे का जवाब: पुल को इस तरह बनाया गया है कि यह भूकंप, बम विस्फोट और अन्य आपदाओं को झेल सकता है।
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LAC/LOC के करीब: यह क्षेत्र सामरिक दृष्टि से संवेदनशील है, इसलिए मजबूत कनेक्टिविटी एक बड़ी रणनीतिक जीत है।
📈 आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
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पर्यटन को बढ़ावा: बेहतर कनेक्टिविटी से कश्मीर के पर्यटन स्थलों तक पहुंच आसान होगी।
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स्थानीय लोगों को रोजगार: परियोजना से हज़ारों लोगों को रोज़गार मिला है।
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कृषि और व्यापार: स्थानीय किसानों और व्यापारियों को बेहतर बाजार से जोड़ने में मदद मिलेगी।
🛤️ भारत की सबसे लंबी रेलवे सुरंग भी इसी परियोजना में
USBRL परियोजना में ही भारत की सबसे लंबी रेलवे सुरंग (T-50) भी शामिल है, जिसकी लंबाई 12.77 किलोमीटर है। यह भी एक अद्भुत इंजीनियरिंग उपलब्धि मानी जाती है।
🗺️ चार चरणों में पूरी परियोजना
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उधमपुर से कटरा
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कटरा से रियासी
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रियासी से बनिहाल
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बनिहाल से बारामुल्ला
✨ निष्कर्ष
चिनाब ब्रिज केवल एक पुल नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी शक्ति, रणनीतिक समझ और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। यह पुल आने वाले वर्षों में जम्मू-कश्मीर के सामाजिक-आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा और भारत को वैश्विक स्तर पर एक नया सम्मान दिलाएगा।














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