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पाकिस्तान ने मुज़फ़्फ़राबाद में आपातकाल घोषित किया | भारत ने झेलम से ‘पानी’ में डुबोया POK

नई दिल्ली/मुज़फ़्फ़राबाद
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के मुज़फ़्फ़राबाद में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। झेलम नदी के जलस्तर में अचानक आई भीषण वृद्धि के चलते पाकिस्तान सरकार को मुज़फ़्फ़राबाद में आपातकाल की घोषणा करनी पड़ी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत द्वारा झेलम नदी के जलग्रहण क्षेत्र से छोड़े गए पानी की वजह से पीओके के कई इलाकों में भारी बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।

झेलम का उफान और तबाही

झेलम नदी, जो भारत के जम्मू-कश्मीर से निकलती है और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से गुजरती है, इन दिनों अपने उफान पर है। भारतीय इलाकों में हो रही लगातार बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुँच गया है। इसका सीधा असर मुज़फ़्फ़राबाद और आसपास के इलाकों पर पड़ा है, जहाँ पानी घरों में घुस गया है और सड़कें दरिया बन गई हैं।

स्थानीय प्रशासन ने बताया कि कई गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं और हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। कई पुल टूट गए हैं और यातायात पूरी तरह से बाधित हो चुका है।

पाकिस्तान ने भारत पर लगाए आरोप

पाकिस्तानी मीडिया और नेताओं ने भारत पर आरोप लगाए हैं कि उसने बिना किसी सूचना के झेलम नदी में अत्यधिक पानी छोड़ा, जिससे पीओके में तबाही मची है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की चेतावनी भी दी है।

पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि भारत को 1960 की सिंधु जल संधि के तहत झेलम नदी के पानी के बहाव के बारे में पूर्व सूचना देनी चाहिए थी। हालांकि भारत की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

भारत का रुख

भारतीय अधिकारियों का कहना है कि झेलम सहित सभी नदियों का जलस्तर बारिश की वजह से स्वाभाविक रूप से बढ़ा है और किसी भी अंतरराष्ट्रीय संधि का उल्लंघन नहीं किया गया है। भारत ने पहले भी स्पष्ट किया है कि वह सिंधु जल संधि का पालन करता रहा है और आगे भी करेगा।

कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम में आए बदलाव और अत्यधिक वर्षा ने नदियों के प्रवाह को असामान्य बना दिया है, और इसे राजनीतिक मुद्दा बनाना सही नहीं है।

राहत और बचाव कार्य जारी

पाकिस्तान की सेना और स्थानीय प्रशासन संयुक्त रूप से बचाव कार्यों में जुटे हैं। कई राहत शिविर बनाए गए हैं और लोगों को भोजन, दवाइयां और अन्य आवश्यक सामग्री मुहैया कराई जा रही है। लेकिन, लगातार बारिश और खराब मौसम राहत कार्यों में बाधा बन रहे हैं।

निष्कर्ष

मुज़फ़्फ़राबाद और पीओके के अन्य हिस्सों में हालात गंभीर बने हुए हैं। आने वाले दिनों में झेलम का जलस्तर और बढ़ सकता है, जिससे स्थिति और बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस पर नजर बनाए हुए है।

आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत और पाकिस्तान के बीच इस मुद्दे को लेकर क्या कूटनीतिक घटनाक्रम सामने आते हैं।

 

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