भारत-पाक तनाव के बीच “रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान” सोशल मीडिया पर ट्रेंड में
भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर राजनयिक रिश्तों में खटास आ गई है। दोनों देशों ने एक-दूसरे के हाई कमिश्नर को देश छोड़ने का आदेश दे दिया है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक और बड़ी खबर ट्रेंड कर रही है – “रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान”।
बलूचिस्तान के प्रमुख कार्यकर्ता भारत से अपील कर रहे हैं कि अब समय आ गया है कि भारत बलूच स्वतंत्रता आंदोलन को आधिकारिक समर्थन दे। उन्होंने नई दिल्ली में “द रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान” नाम से एक ऑफिस खोलने की भी मांग की है।
📢 पाकिस्तान ने कई भारतीय यूट्यूबर्स की वीडियो को किया बैन
प्रसिद्ध यूट्यूबर और अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार प्रशांत धवन ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान सरकार ने उनकी कई वीडियो YouTube पर बैन करवा दी हैं। विशेष रूप से वो वीडियो जिसमें पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर दिखाई गई थी।
पाकिस्तान ने YouTube को आधिकारिक शिकायत भेजते हुए कहा कि इन वीडियो से उन्हें मानसिक पीड़ा हो रही है और यह “भारत समर्थक प्रचार” फैला रही हैं।
🇮🇳 देशभक्ति से जुड़े यूट्यूबर्स पर कार्रवाई
प्रशांत धवन ने यह भी बताया कि सिर्फ उनकी ही नहीं, बल्कि नितीश राजपूत और अन्य देशभक्त भारतीय यूट्यूबर्स की वीडियो पर भी प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। पाकिस्तान की जनता को प्रभावित करने वाले कंटेंट को अब सरकारी स्तर पर दबाया जा रहा है।
उनका मानना है कि पाकिस्तान को सबसे बड़ा डर उन यूट्यूबर्स से है जो क्रेडिबल (विश्वसनीय) और तथ्य आधारित जानकारी लोगों तक पहुंचा रहे हैं।
✊ बलूचिस्तान की आज़ादी की घोषणा
बलूचिस्तान के प्रमुख एक्टिविस्ट मीर यार बलोच ने 9 मई को सोशल मीडिया के माध्यम से ऐलान किया कि बलूचिस्तान अब पाकिस्तान से पूरी तरह आज़ाद है। मीर यार बलोच एक प्रसिद्ध लेखक और बलूच अधिकारों की मुखर आवाज हैं। वे कई बार पाकिस्तान की सरकार को मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए निशाना बना चुकी हैं।
🌍 बलूचिस्तान: इतिहास और वर्तमान हालात
बलूचिस्तान, पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है लेकिन सबसे उपेक्षित भी। यहाँ की जनता लंबे समय से अलगाववाद और मानवाधिकार हनन का शिकार रही है। पाकिस्तान पर बलूच लोगों का दमन करने, जबरन गायब करने और सेना के ज़रिए अत्याचार करने के आरोप लगते रहे हैं।
भारत में इस मुद्दे पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है, जबकि पाकिस्तान की मीडिया भारत के आंतरिक मुद्दों पर गहराई से चर्चा करती है। प्रशांत धवन ने जनता से अपील की कि वे अब इस प्रकार के वास्तविक और महत्वपूर्ण विषयों में रुचि लें।
📝 निष्कर्ष
बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की घोषणा केवल एक सोशल मीडिया अभियान नहीं है, बल्कि पाकिस्तान की आंतरिक समस्याओं की गहराई को उजागर करता है। भारत को अब सोच समझकर इस आंदोलन के प्रति अपनी नीति तय करनी होगी। वहीं, इंटरनेट पर सत्य बोलने वाली आवाज़ों को दबाना पाकिस्तान के डर और असहिष्णुता को दर्शाता है।














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