नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर है। पाकिस्तान की ओर से की गई हालिया हरकतों ने भारतीय सैन्य और कूटनीतिक हलकों में गहरी चिंता पैदा की है। लेकिन इस बार भारत का रुख बिल्कुल अलग और सख्त दिखाई दे रहा है।
भारत को ट्रैप करने की कोशिश नाकाम
कुछ विशेषज्ञों का मानना था कि पाकिस्तान ने भारत को एक कूटनीतिक और आर्थिक जाल में फंसा लिया है। लेकिन रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि सच्चाई इसके बिल्कुल उलट है। अमेरिका, इज़राइल और अन्य वैश्विक शक्तियाँ भारत के साथ खड़ी हैं और सुरक्षा साझेदारियों को और मज़बूत कर रही हैं।
चौतरफा तैयारी में भारतीय सेना
भारतीय सेना ने विशेष सैन्य अभ्यास शुरू कर दिए हैं। एयरफोर्स के सुखोई और रफाल जैसे फाइटर जेट वॉर फॉर्मेशन में उड़ान भर रहे हैं। स्पेशल फोर्सेस पैराड्रॉप और हेलीकॉप्टर अभ्यास कर रही हैं। देशभर में मिलिट्री रडार पूरी तरह सक्रिय हैं।
पाकिस्तानी सेना नहीं, बल्कि उसके जर्नल निशाने पर
भारत सरकार और रक्षा विश्लेषक पाकिस्तान की आम जनता या सैनिकों को नहीं, बल्कि उसकी “नंबर वन सेना” और धार्मिक उन्माद से भरे कुछ सैन्य जर्नलों को खतरे का स्रोत मान रहे हैं। इनका संचालन उसी तरह होता है जैसे हमास जैसे संगठन करते हैं।
कश्मीर में हमला: अब नहीं बख्शेगा भारत
हाल ही में कश्मीर में छुट्टियां मना रहे भारतीय सुरक्षा बलों के अधिकारियों और उनके परिवारों पर हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। इसका आरोप पाकिस्तान समर्थित आतंकियों पर लगा है। इसके जवाब में भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब हर एक हमलावर को ट्रैक कर के सजा दी जाएगी।
‘नो मर्सी’ मोड में भारत
सरकार ने इशारा किया है कि इस बार माफी या सहानुभूति का स्थान नहीं होगा। भारत “नो मर्सी” मोड में है। आतंकवाद और उसके समर्थकों को हर मोर्चे पर जवाब मिलेगा—चाहे वो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर हो, या फिर दुनिया के किसी कोने में छुपा हुआ कोई जनरल।
जनता से अपील
रक्षा विशेषज्ञों ने देशवासियों से अपील की है कि वे इस प्रकार की सूचनाओं को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं ताकि देश एकजुट रह सके और किसी भी प्रकार की गलत जानकारी या अफवाह से बचा जा सके।














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