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भारत ने तोड़ा मौन: ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान की सैन्य ताकत को करारा जवाब

✍️ लेखक: ग्लोबल अपडेट्स टीम | दिनांक: 5 जून 2025

🔴 भूमिका:

हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए एक गुप्त सैन्य अभियान — ऑपरेशन सिंदूर — की जानकारी अब धीरे-धीरे सामने आ रही है। भारतीय वायुसेना द्वारा की गई इस कार्रवाई में पाकिस्तान को जो असली नुकसान पहुंचाया गया, उसकी पुष्टि खुद पाकिस्तान ने अपने दस्तावेज़ों में की है। भारत भले ही शुरुआत में चुप रहा, लेकिन अब तस्वीर साफ हो चुकी है: पाकिस्तान की वायुसेना को भारी क्षति पहुंची है।


🔥 ऑपरेशन सिंदूर: कब और कैसे शुरू हुआ?

7 मई 2025 को आधी रात के बाद लगभग 2:00 बजे भारतीय सेना ने एक पोस्टर साझा किया — “Justice is Served” (न्याय हुआ)। यह संकेत था कि पुलवामा जैसे टेरर अटैक का बदला लिया गया है। इस पोस्टर में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम पहली बार सामने आया।

इसी के तुरंत बाद भारतीय मीडिया और अंतरराष्ट्रीय खुफिया रिपोर्ट्स में हलचल मच गई। ANI ने सरकारी सूत्रों के हवाले से पुष्टि की कि यह अभियान 6 से 10 मई 2025 के बीच चलाया गया था।


🛩️ पाकिस्तान को हुआ असली नुकसान:

भारत द्वारा की गई कार्रवाई में नष्ट की गई संपत्तियाँ:

  • 6 पाकिस्तानी फाइटर जेट्स

  • 1 C-130 मालवाहक विमान

  • 2 सर्विलांस एयरक्राफ्ट

  • 30 से अधिक मिसाइलें

  • चीनी ‘Wing Loong’ ड्रोन (10+ संख्या में)

इनमें से कई विमान पाकिस्तान के एयरबेस के हैंगर्स (जहाँ फाइटर जेट खड़े रहते हैं) में खड़े थे, जिन्हें सीधे बमबारी का निशाना बनाया गया।


📉 पाकिस्तान की स्वीकारोक्ति:

भारत ने शुरुआत में इस अभियान से जुड़ी जानकारी सीमित रूप से साझा की। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से पाकिस्तान ने स्वयं एक ‘डोज़ियर’ (गोपनीय रिपोर्ट) जारी की जिसमें उसने उन 7 अतिरिक्त स्थानों का उल्लेख किया जहां भारत ने हमला किया था — जिनका भारत ने सार्वजनिक रूप से जिक्र भी नहीं किया था।

इससे यह स्पष्ट हो गया कि भारत ने जानबूझकर अपनी सफलता को छिपाया और पाकिस्तान की सैन्य प्रतिष्ठा को गुप्त रूप से गहरी चोट दी।


🎯 निशाने पर थे टेरर कैंप्स:

ऑपरेशन सिंदूर में अब्बास और गुलपुर के टेरर कैंप्स (जो कोटली सेक्टर में LOC से 13 और 30 किमी दूर थे) को भी निशाना बनाया गया। यह साफ संकेत था कि भारत केवल जवाब नहीं दे रहा, बल्कि आतंकवाद के मूल स्रोत को खत्म करने की रणनीति पर काम कर रहा है।


🇮🇳 रणनीतिक मौन क्यों?

भारत द्वारा शुरू में नुकसान की जानकारी नहीं देना एक रणनीतिक चुप्पी मानी जा रही है। इसका उद्देश्य:

  • पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब करना,

  • सैन्य सफलता को ज़रूरत से ज़्यादा प्रचारित न करना,

  • और घरेलू सुरक्षा को ध्यान में रखकर कार्य करना था।


🧠 निष्कर्ष:

ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सैन्य इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय बन चुका है। बिना ज्यादा प्रचार के, भारत ने पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं को गहरी चोट दी और यह साबित किया कि भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि रणनीतिक प्रतिशोध में विश्वास करता है।

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