नई दिल्ली:
भारत की वायुसेना की ताकत बढ़ाने की दौड़ में अब एक नया मोड़ आ गया है। रूस ने भारत को अपना अत्याधुनिक Su-57 फिफ्थ जनरेशन फाइटर जेट देने का प्रस्ताव दिया है – और सबसे खास बात यह है कि रूस इसके साथ पूरा सोर्स कोड देने के लिए भी तैयार है। यह प्रस्ताव रक्षा क्षेत्र में भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
🛫 भारत को क्यों चाहिए 5th Generation Fighter Jet?
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भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और चीन के साथ सीमा विवाद के चलते भारत को अब अधिक शक्तिशाली और आधुनिक फाइटर जेट्स की जरूरत है।
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वर्तमान में भारत के पास कोई पूर्ण 5th जनरेशन फाइटर जेट नहीं है।
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अमेरिका, फ्रांस और रूस इस मार्केट में भारत को अपने-अपने फाइटर जेट बेचने की कोशिश कर रहे हैं।
📌 स्रोत: The Print – India’s Fifth Gen Jet Quest
💻 रूस का ऑफर: सोर्स कोड के साथ Su-57
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रूस ने भारत को Su-57 खरीदने के साथ-साथ इसका सोर्स कोड भी देने की पेशकश की है।
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सोर्स कोड मिलने से भारत:
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अपने अनुसार फाइटर जेट को मॉडिफाई कर सकता है।
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ब्रह्मोस जैसी स्वदेशी मिसाइलों को सीधे इन जेट्स से जोड़ सकता है।
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भविष्य में घरेलू तकनीक पर आधारित जेट्स में इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर सकता है।
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📌 स्रोत: Eurasian Times – Russia Ready To Share Su-57 Source Code With India
⚠️ राफेल सौदे पर खतरा?
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भारत ने फ्रांस से खरीदे राफेल फाइटर जेट्स का ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल किया।
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भारत चाहता था कि राफेल में ब्रह्मोस मिसाइल लगाई जाए, लेकिन फ्रांस ने सोर्स कोड देने से मना कर दिया।
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राफेल एक “closed system” की तरह है – जैसा iPhone, जिसमें सिर्फ अधिकृत सिस्टम ही चलते हैं।
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इसके विपरीत, रूस Su-57 को “Android” जैसे खुले सिस्टम के रूप में ऑफर कर रहा है।
📌 स्रोत: Hindustan Times – Why Rafale Missiles Cannot Carry BrahMos
🔍 भारत के लिए यह प्रस्ताव क्यों खास है?
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इससे भारत को तकनीक पर पूर्ण नियंत्रण मिलेगा।
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विदेशी हथियारों पर निर्भरता घटेगी।
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‘Make in India’ और आत्मनिर्भर भारत अभियान को जबरदस्त समर्थन मिलेगा।
📌 स्रोत: Livefist Defence – India’s Strategic Options
🔚 निष्कर्ष:
रूस द्वारा Su-57 के साथ सोर्स कोड ऑफर करना भारत के लिए एक ऐतिहासिक रक्षा अवसर है। यह न सिर्फ राफेल सौदे को चुनौती देता है, बल्कि भारत को रक्षा क्षेत्र में एक सशक्त तकनीकी शक्ति भी बना सकता है।














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