
इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) 2024-25 सीज़न में मोहन बागान सुपर जाइंट ने विवेकानंद युवा भारती क्रीरंगन, कोलकाता में एफसी गोवा के साथ मुकाबला किया। 8 मार्च, 2025 को हुए इस मैच में मोहन बागान ने 2-0 की जीत के साथ एफसी गोवा को हरा दिया।
खेल की शुरुआत से ही दोनों टीमों ने अपने कौशल और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया। मोहन बागान, जो पहले ही लीग शील्ड जीत चुका था, लीग चरण को उच्च नोट पर समाप्त करना चाहता था। वहीं, एफसी गोवा ने शीर्ष टीम के जश्न को खराब करने की कोशिश की।
पहले हाफ में दोनों टीमों ने कई गोल करने के मौके बनाए, लेकिन मोहन बागान ने खेल पर कब्जा जमाया और एफसी गोवा के बचाव पर भारी दबाव डाला। पहले हाफ के अंत तक दोनों टीमों ने कोई गोल नहीं किया और खेल गोलरहित रहा।
दूसरे हाफ में खेल की दिशा बदल गई। 62वें मिनट में एफसी गोवा के बोरिस सिंह ने आत्मघाती गोल किया, जिससे मोहन बागान को बढ़त मिली। अंतिम क्षणों में ग्रेग स्टीवर्ट ने शानदार गोल कर मैच का नतीजा 2-0 कर दिया।
पहले हाफ में मनीष सिंह के गोल को रेफरी ने निरस्त कर दिया, जिससे एफसी गोवा के खिलाड़ियों में नाराजगी हुई।
इस जीत से मोहन बागान ने आईएसएल में अपनी श्रेष्ठता साबित की और प्लेऑफ़ चरण के लिए मंच तैयार किया।
इस मैच की अन्य मुख्य बातें:
1. स्टार खिलाड़ी: खेल में कई स्टार खिलाड़ियों ने भाग लिया, जिनमें मोहुन बागान के दिमित्री पेत्राटोस और एफसी गोवा के बोरिस सिंह शामिल थे। यह देखने लायक था कि कैसे ये खिलाड़ी अपने-अपने कौशल और रणनीतियों का प्रदर्शन कर रहे थे।
2. प्रशिक्षकों की रणनीतियाँ: दोनों टीमों के प्रशिक्षकों ने अपनी-अपनी रणनीतियों का पालन किया। मोहुन बागान के प्रशिक्षक ने अपनी टीम को आक्रामक खेल खेलने के निर्देश दिए, जबकि एफसी गोवा के प्रशिक्षक ने अपनी टीम को रक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए।
3. रूपरेखा और फैन समर्थन: खेल में फैन समर्थन का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। मोहुन बागान के प्रशंसकों ने पूरे खेल में अपनी टीम के समर्थन में नारेबाजी की, जिससे खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिला।
4. भविष्य की ओर: इस मैच के परिणाम से दोनों टीमों के भविष्य पर प्रभाव पड़ सकता है। मोहुन बागान अपनी जीत की लय को प्लेऑफ में भी जारी रखना चाहेगा, जबकि एफसी गोवा अपनी गलतियों से सीखकर भविष्य में सुधार करना चाहेगा।
5. अंतर्राष्ट्रीय ध्यान: इस मैच ने केवल भारतीय फुटबॉल प्रेमियों का ही नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल समुदाय का भी ध्यान आकर्षित किया। आईएसएल अब विश्वभर में लोकप्रिय हो रही है, और इस प्रकार के मैच उसकी प्रतिष्ठा को और बढ़ाते हैं।
6. समुदाय के लिए योगदान: इस प्रकार के मैचों से भारतीय फुटबॉल को बढ़ावा मिलता है और स्थानीय युवाओं को प्रेरणा मिलती है।
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