प्रकाशन तिथि: 18 जून 2025
परिचय: नियामक संस्था DGCA (Directorate General of Civil Aviation) ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में बताया कि 12 से 17 जून 2025 के बीच एयर इंडिया ने कुल 83 वाइड‑बॉडी विमानों की उड़ानें रद्द कीं, जिनमें से 66 Boeing 787 Dreamliner मॉडल की थीं। इन रद्दीकरणों का प्रमुख कारण मेंटेनेंस चेक अप, तकनीकी खराबी और ऑपरेशनल रीशेड्यूलिंग बताया गया है।
विस्तृत विश्लेषण:
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रद्दीकरण का वर्गीकरण: DGCA के आंकड़ों के मुताबिक, कुल रद्दीकरणों में 54 घरेलू और 29 अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें शामिल थीं। घरेलू रद्दीकरणों में उत्तर अमेरिकी मार्गों के लिए प्रमुख विमान रद्द रहे, जबकि अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों में यूरोपीय नेटवर्क सबसे अधिक प्रभावित हुआ।
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प्रमुख कारण:
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मेंटेनेंस शेड्यूलिंग: नियमित सुरक्षा जांच में देरी और अनपेक्षित तकनीकी समस्याओं के कारण 40% से अधिक विमान रद्दी गए।
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एबी-चेक और उन्नत निरीक्षण: Boeing 787 Dreamliner का एबी-चेक (एयरफ्रेम और इंजन की गहन जांच) चलते हुए 25% अतिरिक्त रद्दीकरण हुए।
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ऑपरेशनल रीशेड्यूलिंग: एयर लाइन्स के घंटों लंबित पायलट और क्रू शिफ्टिंग, मौसम संबंधी चुनौतियाँ, तथा एयर ट्रैफिक में देरी ने 20% उड़ानें प्रभावित कीं।
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यात्रियों पर प्रभाव:
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यात्रा योजनाओं में परिवर्तन: कई यात्री देर से सूचना मिलने के कारण बेझिझक टिकटों की वापसी और अन्य एयरलाइंस में पुन:बुकिंग के विकल्प तलाशने को बाध्य हुए।
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क्षतिपूर्ति प्रक्रिया: DGCA ने एयर इंडिया को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रभावित यात्रियों को 48 घंटे के भीतर विकल्प या पूर्ण धनवापसी की पेशकश करें। रिपोर्ट में उल्लेख है कि अब तक यात्रियों का लगभग 70% दावा निपटाया जा चुका है।
उद्योग पर असर:
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ब्रांड विश्वसनीयता: बार-बार रद्द हो रही उड़ानों ने एयर इंडिया के ब्रांड पर सवाल खड़े किए हैं, खासकर व्यवसायिक और प्रीमियम यात्रियों में।
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प्रतिस्पर्धात्मक दबाव: निजी एयरलाइंस जैसे Indigo और Vistara ने इस अवसर का लाभ उठाकर अतिरिक्त उड़ानें जोड़ दी, जिससे बाजार में उनकी हिस्सेदारी बढ़ी।
भविष्य की तैयारी:
DGCA ने एयर इंडिया को सुझाव दिया है:
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मेंटेनेंस समय सारणी का पुनर्गठन और अधिक विंडो शेड्यूलिंग।
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आपातकालीन तकनीकी टीमों की तैनाती बढ़ाना।
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यात्रियों के लिए रीयल‑टाइम सूचना प्रणाली में सुधार।
निष्कर्ष: इस रिपोर्ट से स्पष्ट है कि सुरक्षा और जवाबदेही बनाए रखते हुए ऑपरेशनल दक्षता में सुधार के लिए एयर इंडिया को महत्वपूर्ण सुधारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है। DGCA की निगरानी और श्रेणीबद्ध सलाह से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले महीनों में उड़ान रद्दीकरणों में उल्लेखनीय कमी आएगी।
स्रोत:
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DGCA प्रेस विज्ञप्ति (pib.gov.in)
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Times of India रिपोर्ट (timesofindia.indiatimes.com)
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Economic Times विश्लेषण (m.economictimes.com)














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